शाहपुर : में दूरस्थ अंचलों की एससी, एसटी वर्ग की छात्राएं शासकीय महाविद्यालय में कमीशन के चक्कर में योजनाओं का लाभ पाने से वंचित है। यहां आवास का लाभ पाने या गांव से कॉलेज आने का किराया प्राप्त करने के लिए छात्राओं ने महीनो पहले कॉलेज प्रबंधन के पास नियमानुसार फार्म जमा किए लेकिन कॉलेज में कर्ताधर्ताओं के कमीशन की मांग पूरी न कर पाने की वजह से छात्राएं लाभ से वंचित है। इन छात्राओं का कहना है। शासन की योजना का लाभ लेने के लिए उनसे भृत्य और बाबू द्वारा प्रति छात्रा से दो हजार रुपए मांगे जा रहे है। वंचित आदिवासी छात्राओं ने दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग की है। सूत्र बताते है की तीन चार नही अपितु सैकड़ों छात्राओं को योजना का लाभ पाने या तो वंचित रहना पड़ता है या कमीशन देकर आधी अधूरी राशि से समझौता करना पड़ता है। छात्राओं ने की प्राचार्य से सामूहिक
शिकायत, कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग की हैं। शाहपुर महविद्यालय की छात्राओं ने इस भ्रष्टाचार की पोल अपने शिकायती आवेदन में खोल दी है। छात्रा शीतल, रेवंती ने प्राचार्य से शिकायत की है। उनसे कमीशन की मांग की जा रही है। छात्राओं ने महाविद्यालय प्राचार्य एमडी बाघमारे के नाम से लिखे आवेदन में उल्लेख किया है कि छात्रावास योजना का फार्म भरने पर उनसे भृत्य और छात्रवृत्ति प्रभारी द्वारा दो हजार रुपए मांगा जा रहा है। राशि न देने पर छात्राओं के फार्म अटकाकर रखे गए है। महाविद्यालय
में अपने लाभ के लिए 50 प्रतिशत
से कम अंक प्राप्त करने वालो को भी नियमो को ताक पर रखकर लाभ दिया जा रहा है। जबकि पात्र बालिकाएं प्राचार्य और प्रभारी के चक्कर काट रही है। तीनो छात्राओं ने प्राचार्य के नाम लिखे शिकायती पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर नरेंद्र कुमार को देकर न्याय की गुहार लगाई है।
इनका कहना है
छात्राओं ने सामूहिक रूप से शिकायत की है। इसकी जांच की जा रही है कि वे छात्र वृत्ति के लिए पात्र है या नहीं। जांच के बाद कार्रवाई की जावेगी।
एम डी वाघमारे, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय शाहपुर
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